मंगलवार, 9 मार्च 2010

तेरी झोली में डाल दी दुनिया अपनी
तेरे  आँचल में फैल गया रंगों कि तरह

आज खुद का श्राद्ध कर दिया मैंने
अब चाहे जहाँ भी ले जाओ

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