गुरुवार, 12 दिसंबर 2019

kabrgahon mein titliyan bhar do

कब्रगाहों में तितलियाँ भर दो
फ़ेंक दो तमाम चिट्ठियां तूफ़ान खाती लहरों में

कुछ मत सुनो कुछ मत देखो
लिख लिख कर खर्च करो
अपने अंदर का शोर

फिर माज़ी से आती कुछ आवाज़ों पर गौर करो
पहचानो वो कौन था
जो तुम्हारे जैसा था

और जो खोजता फिर रहा है
आज तक तुम्हें 

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मेरे प्यार का पहला हासिल
तुम्हारी आज़ादी है
मेरी आज़ादी है

मेरे प्यार का अगला हासिल
सफर है
मेरी आज़ादी से तुम्हारी आज़ादी के बीच

मेरे प्यार का आखिरी हासिल
हमारा ख़त्म होना है 

bastiyan jalti hain

बस्तियां जलती हैं
उनका जड़ पकड़ना
उनका ख़त्म होना है

उन्हें तिरते रहने दो
मैन्ग्रोव के जंगलों की तरह
उन्हें छिपने दो
कचरे के ढेर के बीच
कुकुरमुत्ते की तरह

उनका अस्थ्याई होना
उनके स्थायी होने की पहली शर्त है

उनमें रहते लोगों की ज़िन्दगियों की तरह
उनके सपनों की तरह

उन प्लास्टिक के बुलबुलों की तरह
जो फटने के कगार पर
खड़ी रहती हैं बरसों 

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अपने दौर की मानिंद
मैं भी ख़त्म हो रहा हूँ
सपनों के गुब्बारे
एक एक कर
निकलते जा रहे हैं
हाथों से
गीली कहानियों की तरह

क्या धोखा था
किसके साथ हुआ था
किसने किया था

रात के साथ बढ़ता है
लहरों का शोर
मैं देख रहा हूँ
ग़ुम होते हुए पैरों के निशान