आँचल सा फ़ैल जाता है घर
इंतज़ार में
आयेंगे वो के उनका करम है
बहार में
हर शह में एक लम्हा है
सिलवट में रात है
आता नहीं करार
दिल ऐ बेकरार में
जायेंगे वो सनद है
कुछ ही दिनों के बाद
आता है जैसे दम
और दिन उड़ते गुबार में
चौखट को हमारे भी
हो जायेगा यकीं
दिन इसने भी गिन रखे हैं
इसी ऐतबार में
इंतज़ार में
आयेंगे वो के उनका करम है
बहार में
हर शह में एक लम्हा है
सिलवट में रात है
आता नहीं करार
दिल ऐ बेकरार में
जायेंगे वो सनद है
कुछ ही दिनों के बाद
आता है जैसे दम
और दिन उड़ते गुबार में
चौखट को हमारे भी
हो जायेगा यकीं
दिन इसने भी गिन रखे हैं
इसी ऐतबार में
waah ji waah!!!
जवाब देंहटाएंab do line main bhi pesh kar rahi hoon aapke liye...
"hum bhi chaltey hain raaston par,
sar uthaaye
ke humare ghar mein bhi shaayar rehtey hain"
Rajul
thanks rajulben. :)
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