शनिवार, 26 नवंबर 2016

Gussa

गुस्सा कहाँ निकालें
कमज़ोर का गुस्सा क्या होता है
कैसा होता है

क्या होता है जब एक आदमी की भूख एक करोड़ लोगों का टाइम पास बन जाती है
जब उसका शक़ कि वो भेड़ियों के बीच पैदा हुआ था
यकीन में बदल जाता है
और जब उसके अंदर का भेड़िया उलझ जाता है उसके अंदर के इंसान के साथ
और उसके अंदर का संसार
फट पड़ता है
उसके बाहर के संसार के साथ

चीख है उसकी
मगर उसको भी पता है
इसका हासिल क्या मिला है

कहाँ जाये वो लेकर
इतना सारा गुस्सा 

kashmir

ये रौशनी के साथ क्यों
धुआं उठा चिराग़  से
ये ख्वाब देखता हूँ  मैं
के  जग पड़ा हूँ ख्वाब से
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पत्थर बन जाते
उससे पहले
उठाये पत्थर
और ज़ोर से चीखे
जब बरसाईं अनगिनत सुइयां तुमने
शफ़्फ़ाक़ आसमानों से
फिर  टीवी पर उसका कार्टून चला कर
तमाशा बनाया हमारे गुस्से का

ये कैसा हिस्सा है
ये कैसा बदन है
ये क्या है उनके बीच
एक झूलते हुए टूटे हाथ सा मजबूर रिश्ता
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