शनिवार, 3 सितंबर 2011

prem aur anya mithak

शाश्वत 
सत्य , प्रेम, मौलिकता
जीवन की सार्थकता
 शाश्वत
संभावनाएं,संवेदनाएं, मर्यादाएं 

 क्यों शाश्वत का बोझ लाद कर 
चलता तेरा क्षरता तन है 
 छोटा सा तेरा जीवन है
सब भंग सभी पल में दिखने वाले मिथक हैं 

जी चल इसके पार 
बना एक नयी परिभाषा जीवन की
खोज बस अपना धरातल 
एक व्यक्तिगत सत्य

और  डाल दे मिथकों की थैली में
 एक और वास्तविकता

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