बर्फ कलेजे पर
सर रख कर
बात करो मुझसे
शायद इसके धड़कने का मौसम
आएगा वापस
इंतज़ार ज़िंदगी बना कर
भूल बैठा
पत्थरों के समंदर के बीच
एक और पत्थर
छू लो
पत्थर और मोम के बीच
कोई फ़र्क़ नहीं होता
वक़्त के उस तरफ
आइनों से टकराती
रूहों से दूर
खींच ले चलो एक बंद कमरे में
जहाँ एक लालटेन तले
रेडियो की
आवाज़ ओढ़ कर
कुछ जाने पहचाने लोग
कर रहे हैं
सोने की कोशिश
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