-मुशायरा-
हिन्दुस्तानी कवितायेँ - आनंद झा
बुधवार, 18 दिसंबर 2013
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आज़ाद होना
पंख का होना नहीं होता
हवा का होना भी नहीं
बस बेफिक्री का होना होता है
जो उड़ना सिखाती है
1 टिप्पणी:
shalini kaushik
18 दिसंबर 2013 को 12:34 pm बजे
very nice
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very nice
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