-मुशायरा-
हिन्दुस्तानी कवितायेँ - आनंद झा
मंगलवार, 20 दिसंबर 2011
-
बेखबर
हुआ नहीं जाता
और
खबरों के अन्दर उबलते तेज़ाब का शोर
सुना नहीं जाता
हाँ सर झुकाया जाता है
हाँ जी कर दिखाया जाता है
1 टिप्पणी:
Amrita Tanmay
17 जनवरी 2012 को 7:12 pm बजे
बहुत बढ़िया ..
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बहुत बढ़िया ..
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