घुल रहा है
तुम्हारे सपनों सा
कैनवास पे रंग
धूप की बारिश
इन्द्रधनुष
साइकिल चलते बच्चे
मूंगफली वाले की आवाज़
"बादाम भाजा, फोड़-फोड़ के खाजा "
सफ़ेद पे पीला , चम्पई
एक लड़की की आँखें
ताकती बेचैन,
रेलिंग के पीछे सर झुकाए झूमते eucaliptus के पेड़
जाड़ा ऊनी pant गहरे हरे रंग की jacket
दुर्गा पूजा की भीड़
मेला दुकानें नए कपडे
आसमानी है न , एक लम्बा stroke
किताबें, और किताबें
उनकी बदबू, उनके पीछे झांकती भूखी आखें
रिजल्ट , और रिजल्ट और किताबें,
एक साल से दुसरे साल का बदला
भूख और भूख
बंद कमरे के बाहर थोडा सा आसमान
ग्रे
फिर बहाव
मुट्ठी, आवाजें
अलग अलग दिशाओं में खींचते हाथ
खुद से विवाद, और विवाद
फिर खाली सा दिन
थोडा और ग्रे
गिरती इमारतें
गायब होते लोग
सख्त स्याह प्लास्टिक सा होता अंतस
दोपहर, धूप
लाल,
कैनवास पे सूखते strokes
रक्षाबंधन एवं स्वतंत्रता दिवस पर्वों की हार्दिक शुभकामनाएं .
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