मेरे माज़ी का दस्तख्त हूँ मैं
अपने बुजुर्गों का आखिरी चेहरा
अपने सपनों की वसीयत हूँ मैं
अपनी पहचान में जुड़ा हूँ कुछ लोगोँ से
उनकी पहचान साथ रखता हूँ
अपने बुजुर्गों का आखिरी चेहरा
अपने सपनों की वसीयत हूँ मैं
अपनी पहचान में जुड़ा हूँ कुछ लोगोँ से
उनकी पहचान साथ रखता हूँ
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