मंगलवार, 14 मई 2013

sarhad paar

किनारों से कह दो
आज कोई दरिया नहीं बहेगा उनके बीच
मिलना हो तो मिल लें
एक दूसरे से

और देखो
शायद ज़मीन में आ जाये एक शगाफ़
और सरक कर एक किनारा
दूसरे से कहे

काफी वक़्त बह गया मिले हुए

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अक्सर ऐसा हुआ नहीं करता
दरिया के दोनों ओर  से
बस ताकती रहती हैं
आँखें एक दूजे को 

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