किनारों से कह दो
आज कोई दरिया नहीं बहेगा उनके बीच
मिलना हो तो मिल लें
एक दूसरे से
और देखो
शायद ज़मीन में आ जाये एक शगाफ़
और सरक कर एक किनारा
दूसरे से कहे
काफी वक़्त बह गया मिले हुए
------
अक्सर ऐसा हुआ नहीं करता
दरिया के दोनों ओर से
बस ताकती रहती हैं
आँखें एक दूजे को
आज कोई दरिया नहीं बहेगा उनके बीच
मिलना हो तो मिल लें
एक दूसरे से
और देखो
शायद ज़मीन में आ जाये एक शगाफ़
और सरक कर एक किनारा
दूसरे से कहे
काफी वक़्त बह गया मिले हुए
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अक्सर ऐसा हुआ नहीं करता
दरिया के दोनों ओर से
बस ताकती रहती हैं
आँखें एक दूजे को
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