मैं तुमको याद करता हूँ
तुम दिलचस्प नहीं थे
पर मेरे अपने थे
आज भीड़ है मेरे इर्द गिर्द दिलचस्प लोगों की
पर अपना कोई भी नहीं
अब मैं रिश्ता नहीं जोड़ पाता
बातें नहीं कर पाता
बस चुप्पी के अँधेरे में टटोलता रहता हूँ वो हाथ
जिन्हों ने मुझे कभी शहर जाने वाली रेल के डिब्बे में बिठाया था
उन हाथों को चूम नहीं पाता
बस भागता फिरता हूँ उसकी तलाश में
जिससे भागता रहा हूँ इतने बरसों से
कभी देखता हूँ सपनों में
के तुम किसी किनारे में
थामोगे मुझको
और ये बताओगे
के कैसे पिया जाता है
चुस्कियों में धीरे धीरे
अकेलेपन का ज़हर
तुम दिलचस्प नहीं थे
पर मेरे अपने थे
आज भीड़ है मेरे इर्द गिर्द दिलचस्प लोगों की
पर अपना कोई भी नहीं
अब मैं रिश्ता नहीं जोड़ पाता
बातें नहीं कर पाता
बस चुप्पी के अँधेरे में टटोलता रहता हूँ वो हाथ
जिन्हों ने मुझे कभी शहर जाने वाली रेल के डिब्बे में बिठाया था
उन हाथों को चूम नहीं पाता
बस भागता फिरता हूँ उसकी तलाश में
जिससे भागता रहा हूँ इतने बरसों से
कभी देखता हूँ सपनों में
के तुम किसी किनारे में
थामोगे मुझको
और ये बताओगे
के कैसे पिया जाता है
चुस्कियों में धीरे धीरे
अकेलेपन का ज़हर
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