सोमवार, 13 अगस्त 2012

Albert Camus ke liye

बिन्दुओं के बीच ही
बनती हैं रेखाएं
परिधि , त्रिकोण

और जैसे भी आप घूमना चाहें
इस सपाट सतह पर
जिससे भी टकराना चाहें
जिससे भी जुड़ जाना चाहें
जिधर भी रुक जाना चाहें

एक आखिर का बिंदु
जो बैठा है समय के उस तरफ
तालियाँ बजाता है
परदे गिराता है
और आपकी खींची गई
geometry दीवार पर टांग कर चला जाता है

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