मुझे तुम्हारे नालायक होने से कोई शिकायत नहीं है
मुझे तुम्हारी चमड़ी के गैंडे से ज्यादा सख्त और
तुम्हारे दिल के मशीनी होने से
भी कोई शिकायत नहीं है
मुझे इससे भी शिकायत नहीं है
की बरसों से तुम्हारे समझ के नाक में नकेल डालकर
कोई हांके जा रहा है तुम्हे
और तुम्हे नहीं दीखता कि जुते हुए हो तुम किसी के तांगे से
सरपट भागना है तुम्हारा लक्ष्य
और तुम्हे नहीं दीखता है वो हंटर जो तुमने खुद अपने सर पर टांग रखा है
मुझे तुम्हारे बुर्जुआ होने से कोई शिकायत नहीं है
बस डरता हूँ कभी एक दिन
मेरे दरवाज़े पर न आ जाओ तुम
तलवार और बंदूकें लिए
मैं तुम्हारी खिल्ली नहीं उड़ा पाउँगा ..
तुम्हें समझ / समझा न पाने की कीमत
अदा करूँगा
तुम्हारे हाथों मरूँगा
मुझे तुम्हारी चमड़ी के गैंडे से ज्यादा सख्त और
तुम्हारे दिल के मशीनी होने से
भी कोई शिकायत नहीं है
मुझे इससे भी शिकायत नहीं है
की बरसों से तुम्हारे समझ के नाक में नकेल डालकर
कोई हांके जा रहा है तुम्हे
और तुम्हे नहीं दीखता कि जुते हुए हो तुम किसी के तांगे से
सरपट भागना है तुम्हारा लक्ष्य
और तुम्हे नहीं दीखता है वो हंटर जो तुमने खुद अपने सर पर टांग रखा है
मुझे तुम्हारे बुर्जुआ होने से कोई शिकायत नहीं है
बस डरता हूँ कभी एक दिन
मेरे दरवाज़े पर न आ जाओ तुम
तलवार और बंदूकें लिए
मैं तुम्हारी खिल्ली नहीं उड़ा पाउँगा ..
तुम्हें समझ / समझा न पाने की कीमत
अदा करूँगा
तुम्हारे हाथों मरूँगा
अपने अन्दर के बुर्जुआ से हम भी दो-चार होते ही रहते हैं.. मरना भी कुबूल करते है..
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