मंगलवार, 24 जनवरी 2012

TATSUMI ( for tatsumi kobayishi, an inspiration )

कभी कहानियों में सुना था 
तत्सुमी 
कि जिंदगी की कालिख 
से बनाई जाती है जिंदगी की तस्वीर 
कोरे पर काला मलता है तो चढ़ता है 
ज़माने का grey
या ये सुना हो 
अपनी जान हथेली पर ले कर भागते हुए 
रुक जाओ वरना मारे जाओगे (या ऐसी कोई फिल्म देखी होगी)
और पता चला होगा 
कि भागते हुए ही जिन्दा रहते हैं 

या कयेवाखाने की नीली रौशनी में 
अपने बदन के सांचे में ढलता फौलाद नज़र आया होगा 
अपने अन्दर अपना खून पी कर पलता दानव 
बताओ Tatsumi 
pressure cooker से निकलती सीटी की हवा की तरह 
जिंदगी शोर भी करती है
हलकी भी होती है, थोड़ी गर्म भी 
और ऊपर उठती हुई दूर चली जाती है


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