हिन्दुस्तानी कवितायेँ - आनंद झा
अपने मुमकिन से शहर में मुहाफ़िज़ रख लो दुनिया में ऐसे भी सपनों की हकीकत नहीं होती bahut hee khoobsurat rachna
अपने मुमकिन से शहर में मुहाफ़िज़ रख लो
जवाब देंहटाएंदुनिया में ऐसे भी सपनों की हकीकत नहीं होती
bahut hee khoobsurat rachna