मंगलवार, 19 अक्तूबर 2010

jhagde-1

इशारों में भी ख़ामोशी है
टीवी का remote पड़ा है सिरहाने में
चाय के प्याले कटघरे में खड़े है गवाहों की माफिक

आज की शाम की अदालत में
ये जिरह हाय नश्तर सी गुजरी है

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