किसी ने ठोका होता ट्रक से
या पुल से दे दिया होता धक्का
तो बढ़ा भी सकते थे
अब इस मामले में तो जितना बनता था दे दिया
दो साल
२५०००,
२५ साल
३ नस्लें सड़ गयी तेरे बुचडखाने में
ज़हर बेचने वालों के दल्लों ने फिर एक बार
थूक डाला है हमारे अधजले चेहरों पर
और खोलो कसाई खाने
बोटी बोटी काट कर हमारी रख दो गिरवी
हमारी सांस जला डालो अपने तेज़ाब से
गलती हो गयी इस बार जो आये दुनिया में
अगली बार इस नरक में जनम न लेंगे हम
हर शब्द में गहराई, बहुत ही बेहतरीन प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंये लिखने के लिए शुक्रिया| भोपाल मेरे भी गले की फांस है |
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