शनिवार, 9 जुलाई 2016

-mohabbat-1

मोहब्बत बेमुरव्वत
के तेरा क्या करेंगे 
जब अकेले हो जाएंगे 
तो यूँ सोचा करेंगे 
के 
कहा तो कई से 
पर इश्क़ खुद के अलावा 
किसी से न हुआ 
जिए कई जिल्दों में 
कई हर्फों में 
पर उनके बाहर गुज़ारा ना हुआ 

तो हम जानते हैं 
इश्क़ 
पर 
कर नहीं पाते 
सुन पाते नहीं 
याद रख नहीं पाते 

तुझे कागज़ों की ऊदास शक्लों पर 
चेपा करेंगे 
मोहब्बत  बेमुररवत 
के तेरा क्या करेंगे 

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