मंगलवार, 29 सितंबर 2015

-mohabbat 2

आँख भर आंच है
सीने भर दरिया
और मुट्ठी भर सितारे हैं

एक शराब की बोतल है
किताबें हैं
एक उम्र की कहानियां हैं

एक पूरी दुनिया है तुम्हारे हमारे बीच
और देखो तो शायद कुछ भी नहीं है

कुछ मुहब्बतों का मुक्कमल न होना
उनका हासिल है

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