-मुशायरा-
हिन्दुस्तानी कवितायेँ - आनंद झा
सोमवार, 1 मई 2017
aawaz
बागों की निगरानी में
फूल छोड़े हैं
फ़लक तक तैर के जाएँ
ये ख्वाब थोड़े हैं
एक बोतल में डाल दो चिट्ठी
ये दरिया जाने किससे जोड़े है
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