हिन्दुस्तानी कवितायेँ - आनंद झा
खाली सीना
तेरी याद
तेरा होना जैसे ओस सा
लम्हे में शुरू
लम्हे में ख़त्म
फिर उन यादों की तहें
जिन्हें खोलना
इस्तरी करना और रख देना
अपने ज़हन के किसी हिस्से में
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ये बेमतलब है
या ये तरीका है हमारे होने का
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