बस्तियां जलती हैं
उनका जड़ पकड़ना
उनका ख़त्म होना है
उन्हें तिरते रहने दो
मैन्ग्रोव के जंगलों की तरह
उन्हें छिपने दो
कचरे के ढेर के बीच
कुकुरमुत्ते की तरह
उनका अस्थ्याई होना
उनके स्थायी होने की पहली शर्त है
उनमें रहते लोगों की ज़िन्दगियों की तरह
उनके सपनों की तरह
उन प्लास्टिक के बुलबुलों की तरह
जो फटने के कगार पर
खड़ी रहती हैं बरसों
उनका जड़ पकड़ना
उनका ख़त्म होना है
उन्हें तिरते रहने दो
मैन्ग्रोव के जंगलों की तरह
उन्हें छिपने दो
कचरे के ढेर के बीच
कुकुरमुत्ते की तरह
उनका अस्थ्याई होना
उनके स्थायी होने की पहली शर्त है
उनमें रहते लोगों की ज़िन्दगियों की तरह
उनके सपनों की तरह
उन प्लास्टिक के बुलबुलों की तरह
जो फटने के कगार पर
खड़ी रहती हैं बरसों
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