कितनी दूर खड़े है 
रास्तों के पत्थर 
पैगम्बर नुमा 
एक के बाद दूसरा पत्थर 
और एक जलती सड़क 
इतने सालों की कमाई 
सिर्फ थकन 
और डर 
हर उस रास्ते से 
जो सीधा नहीं जाता 
इन रोज़मर्रा की आदतों के परे 
उसके बदलने के डर से परे 
मैं कौन हूँ 
 
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