मेरी चिंगारियों के सीने में
कोई खाली सा धुआं रख दो कभी
मुझे जलने मत दो
मुझे बुझने मत दो
मेरे अरमानों को बारूद की गाली मत दो
उनको मौसम दो
पतझड़ दो, बहारें दो
उनको उगने दो खिलने दो और फिर झड़ जाने दो
उनको महफूज़ रखो
आन्धियाँ परे कर दो
मेरी चिंगारियों से बात करो फुर्सत में
उनमें कई आतिशें लरज़ाँ हैं